'गीतांजलि' गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर (1861-1941) की सर्वाधिक प्रशंसित और पठित पुस्तक है। इसी पर उन्हें 1910 में विश्व प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार भी मिला। इसके बाद अपने पूरे जीवनकाल में वे भारतीय साहित्……続きを見る
बाँग्ला के अमर कथाशिल्पी शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय प्रायः सभी भारतीय भाषाओं में पढ़े जाने वाले शीर्षस्थ उपन्यासकार हैं। उनके कथा-साहित्य की प्रस्तुति जिस स्वरूप में भी हुई, लोकप्रियता के तत्त्व ने उनके……続きを見る
शरतचन्द्र के उपन्यासों में जिस रचना को सब से अधिक लोकप्रियता मिली है वह है देवदास। तालसोनापुर गाँव के देवदास और पार्वती बालपन से अभिन्न स्नेह सूत्रों में बँध जाते हैं, किन्तु देवदास की भीरू प्रवृत्त……続きを見る
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ आधुनिक हिन्दी काव्य के प्रमुख स्तम्भ हैं। राम की शक्ति पूजा उनकी प्रमुख काव्य कृति है। निराला ने राम की शक्ति पूजा में पौराणिक कथानक लिखा है, परन्तु उसके माध्यम से अपने ……続きを見る
ये कविताएं उन सभी प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं जिनके अन्तर्गत बच्चन आज तक कविता लिखते रहे हैं, और जो एक तरह से हिन्दी कविता में आरंभ से उनके समय तक चली सभी प्रवृत्तियों को एक व्यक्ति और उसक……続きを見る
हिन्दी कथा-साहित्य के विकास के प्रथम चरण में ही प्रसाद जी ने कविताओं के साथ कथा-साहित्य के क्षेत्र में पदार्पण किया। उनकी सांस्कृतिक अभिरूचि और वैयक्तिक भावानुभूति की स्पष्ट छाप के कारण उनके द्वारा ……続きを見る
हिन्दी कथा-साहित्य के विकास के प्रथम चरण में ही प्रसाद जी ने कविताओं के साथ कथा-साहित्य के क्षेत्र में पदार्पण किया। उनकी सांस्कृतिक अभिरूचि और वैयक्तिक भावानुभूति की स्पष्ट छाप के कारण उनके द्वारा ……続きを見る
शरतचन्द्र के उपन्यासों में ‘परिणीता’ एक अनूठी प्रणय कहानी है, जिसमें दहेज प्रथा की भयावहता का चित्रण किया गया है। गुरूचरण बैंक में क्लर्क थे। उन्हें जब पाँचवी कन्या होने का संवाद मिला तो एक गहरी सी ……続きを見る
रांगेय राघव के कहानी-लेखन का मुख्य दौर भारतीय इतिहास की दृष्टि से बहुत हलचल-भरा, विरल कालखंड है। कम मौकों पर भारतीय जनता ने इतने स्वप्न-दुःस्वप्न, आशा-हताशा इस तरह अड़ोस-पड़ोस में खड़े देखे थेस्वतंत……続きを見る
‘पथेर दावी’ उपन्यास-सम्राट स्व. श्री शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय की सर्वश्रेष्ठ रचना है। शरत बाबू के उच्चकोटि के, मौलिक, स्वदेशानुराग और देश सेवा के भावों से ओत-प्रोत होने के कारण इस उपन्यास का बड़ा महत्……続きを見る
बाँग्ला के अमर कथाशिल्पी शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय प्रायः सभी भारतीय भाषाओं में पढ़े जाने वाले शीर्षस्थ उपन्यासकार हैं। उनके कथा-साहित्य की प्रस्तुति जिस स्वरूप में भी हुई, लोकप्रियता के तत्त्व ने उनके……続きを見る
सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म प्रयाग में ठाकुर रामनाथ सिंह के घर हुआ। शिक्षा भी प्रयाग में ही हुई। सुभद्रा कुमारी बाल्यावस्था से ही देश-भक्ति की भावना से प्रभावित थीं। इन्होंने असहयोग आंदोलन में भाग ……続きを見る
हमारे जीवन का लक्ष्य जैसा भी हो उसे पाने के लिए पहला कदम हमें ही उठाना पड़ता है। एक हजार मील की दूरी तय करने के लिए शुरुआत पहले कदम से ही होती है। इस पुस्तक के प्रत्येक अध्याय में लिखे अनमोल सफलतम न……続きを見る
आराधना के गीत निराला-काव्य के तीसरे चरण में रचे गए हैं, उनके इस चरण के धार्मिक काव्य की विशेषता यह है कि वह हमें उद्विग्न करता है, आध्यात्मिक शांति निराला को कभी मिली भी नहीं, क्योंकि इस लोक से उन्ह……続きを見る
स्वामीजी ने ज्ञानयोग का विवेचन उपनिषद् तथा भगवद्रीता के आधार पर किया है और इस प्रकार इन प्रवचनों में उन्होंने यह स्पष्ट दर्शाया है कि ज्ञानयोग साधक को किस तरह मुक्ति के लक्ष्य की ओर ले जाता है। साथ ……続きを見る
यह पुस्तक स्वामी विवेकानन्दजी के मौलिक अंग्रेजी लेखों का हिन्दी अनुवाद है। इस पुस्तक में स्वामीजी ने पुनर्जन्म के सम्बन्ध में हिन्दू-मत तथा पाश्चात्य-मत दोनों की बडी सुन्दर रूप से विवेचना की है और इ……続きを見る
स्वामी विवेकानन्द के सन्देशों में भारत के आध्यात्मिक भण्डार का सारतत्त्व समाहित है जिसे उन्होंने आधुनिक परिप्रेक्ष्य में वैज्ञानिक आधार पर सहज-सरल शब्दों में हमारे समक्ष प्रस्तुत किया है। ये सभी विश……続きを見る
मेरा जीवन तथा ध्येय नामक यह भाषण स्वामी विवेका नन्द ने 27 जनवरी 1900 ई0 में पासाडेना, कैलीफोर्निया के शेक्सपियर क्लब में दिया था। इसमें दुःखी मानवों की वेदना से विह्वल उस महात्मा का बोलता हुआ चित्र ……続きを見る
सोचो कि तुम्हारे हृदय में एक आकाश है, और उस आकाश के अन्दर अग्निशिखा के समान एक ज्योति उद्भासित हो रही है - उस ज्योतिशिखा का अपनी आत्मा के रूप में चिन्तन करो; फिर उस ज्योति के अन्दर और एक ज्योतिर्मय ……続きを見る
एकाग्रता ही सभी प्रकार के ज्ञान की नींव है, इसके बिना कुछ भी करना सम्भव नहीं है। ज्ञानार्जन के लिए किस प्रकार मन को एकाग्र करना चाहिए इसका दिग्दर्शन इस पुस्तिका में किया गया है। एकाग्र मन एक सर्च ला……続きを見る
कुछ भी न मांगो, बदले में कोई चाह न रखो। तुम्हें जो कुछ देना हो, दे दो। वह तुम्हारे पास वापस आ जाएगा; लेकिन आज ही उसका विचार मत करो। वह हजार गुना होकर वापस आयेगा, पर तुम अपनी दृष्टि उधर मत रखो। देने ……続きを見る
इस पुस्तक में स्वामीजी के उन चुने हुए सद्वाक्यों एवं विचारों का संग्रह है, जो उन्होंने विभित्र विषयों पर प्रकट किये थे। ये विचार केवल किसी व्यक्ति के लिए ही लाभदायक नहीं, वरन्, समस्त राष्ट्र की उन्न……続きを見る
सत्य में तप, संयम और शेष समस्त गुणों का वास होता है। जैसे समुद्र मत्स्यों का कारण (उत्पत्तिस्थान) है, वैसे ही सत्य समस्त गुणों का कारण है। - भगवान महावीर続きを見る
पवहारी बाबा के प्रति स्वामी जी की बड़ी श्रद्धा और निष्ठा थी। इन महात्मा का जीवन कितना उच्च तथा उनकी आध्यात्मिक साधनाएँ कितनी महान् थीं इसका संक्षिप्त विवरण हमें इस पुस्तक से प्राप्त होगा। हम कह सकते ……続きを見る
Colloquial Bengali provides a step-by-step course in Bengali as it is written and spoken today. Combining a user-friendly approach with a thorough treatment of the language, it equips learners with ……続きを見る
आधुनिक हिन्दी कहानी के सफर में भीष्म साहनी एक महत्वपूर्ण नाम है। उनकी सर्वाधिक प्रिय कहानियों के इस संकलन में जीवन और समाज से गहरे जुड़े प्रश्नों को प्रस्तुत किया गया है। इनमें से अनेक कहानियाँ बेहद……続きを見る
हिन्दी कहानी को कथा और शैली दोनों ही दृष्टियों से नई दिशा देनेवाले लेखकों में मोहन राकेश का अग्रणी स्थान है। उन्होंने कम ही लिखा परन्तु उनकी अनेक कहानियाँ साहित्य की अमर निधि बन गईं। प्रस्तुत संकलन ……続きを見る
रवीन्द्रनाथ टैगोर उन साहित्य-सृजकों में हैं, जिन्हें काल की परिधि में नहीं बाँधा जा सकता। रचनाओं के परिमाण की दृष्टि से भी कम ही लेखक उनकी बराबरी कर सकते हैं। उन्होंने एक हज़ार से भी अधिक कविताएँ लि……続きを見る
इस संसार का अपना एक इतिहास है। तमाम-उखाड़-पछाड़ों के बाद आज भी हम जिस बिंदु तक पहुँचे हैं, हमारे पास जानकारी का दायरा इसके अन्तर्गत बहुत ही नगण्य है। अब जब हम कहानी की बात शुरू करते हैं, हमारी विस्त……続きを見る
हिन्दी के कहानी लेखकों में मन्नू भंडारी का अग्रणी स्थान है। उनकी कहानियों में नारी-जीवन के उन अन्तरंग अनुभवों को विशेष रूप से अभिव्यक्ति दी गई है जो उनके नितांत अपने हैं और पुरुष कहानीकारों की रचनाओ……続きを見る