वास्तव में साहित्यकार के लिए लेखन की विषय-वस्तु आकाश से नहीं टपकती बल्कि लेखक जिस वातावरण मे रहता है, अपनी रोज-मर्रा की जिन्दगी में घटनाओं को देखता है, उसी में से साहित्यिक सामग्री समेट लेता है। बस ……続きを見る
गौरी, अपराधिनी की भाँति, माता-पिता दोनों की दृष्टि से बचती हुई, पिता के लिए चाय तैयार कर रही थी। उसे ऐसा लग रहा था कि पिता की सारी कठिनाइयों की जड़ वही है। न वह होती और न पिता को उसके विवाह की चिन्त……続きを見る
चित्रलेखा न केवल भगवतीचरण वर्मा को एक उपन्यासकार के रूप में प्रतिष्ठा दिलाने वाला पहला उपन्यास है बल्कि हिन्दी के उन विरले उपन्यासों में भी गणनीय है, जिनकी लोकप्रियता बराबर काल की सीमा को लाँघती रही……続きを見る
प्रस्तुत पुस्तक स्वामी विवेकानन्द के धर्म सम्बन्धी प्रसिद्ध व्याख्यानों का संग्रह है। इनमें धर्म के सार्वभौमिक स्वरूप के महत्व को अत्यन्त विशद रीति से पुरस्सर किया गया है तथा समस्त धर्मों के अन्तिम ……続きを見る
कन्हैयालाल जी ने सभी आयु के पाठकों हेतु प्रेरणादायक उपन्यासों एवं कहानियों को प्रस्तुत किया है। सभी कहानियां स्वस्थ मनोरंजन करने के साथ ही कुछ न कुछ शिक्षा भी देती हैं।続きを見る
विचार करने पर प्रत्येक बुद्धिमान् पुरुष इस बात को समझ सकता है कि मनुष्य जन्म की प्राप्ति से कोई अत्यन्त ही उत्तम लाभ होना चाहिये। खाना, पीना, सोना, मैथुन करना आदि सांसारिक भोगजनित सुख तो पशु-कीटादि ……続きを見る
आज के मनुष्य के समीप तो उसकी वर्तमान संस्कृति का क्रमपूर्ण इतिहास ही होता है; परन्तु उसके इतिहास की सीमा जहाँ से प्रारंभ होती है ठीक उसी के पहले सामूहिक चेतना की दृढ़ और गहरे रंगों की रेखाओं से बीती……続きを見る
उपन्यास अपने समय के नेताओं और स्वयंसेवकों के चरित्रांकन के माध्यम से एक दोहरे चरित्रवाली जिस संस्कृति का संकेत करता और बनते हुए जिन मानव संबंधों पर घण्टी और मंगल के माध्यम से जो रोशनी फेंकता है वह आ……続きを見る
मैं उन साफ-सुथरी ग़ज़लों का पक्षधर हूँ जिनकी उपयोगिता और उपादेयता शीशमहलों तक सीमित न रहे बल्कि जिन्हें जन-साधारण समझ सकें और आनन्द ले सकें। आज़ाद जी की हर ग़ज़ल मेरी इस कसौटी पर भी खरी उतरी है। उन्……続きを見る
‘आँख की किरकिरी’ रवीन्द्रनाथ टैगोर के बंगला उपन्यास ‘चोखेर बालि’ का हिन्दी अनुवाद है। कई कारणों से इस उपन्यास की गिनती गुरुदेव की सर्वोत्कृष्ट रचनाओं में होती है। इसका प्रथम प्रकाशन 1902 ई. में हुआ ……続きを見る
著者:Soman, सोमन
出版社: Bhartiya Sahitya Inc.
発売日: 2013年05月09日
तरुणी हेमा और राजीव का आपसी प्रेम हेमा को समय से पहले गर्मवती बना देता है। राजीव के ठुकराने पर हेमा आत्म हत्या के लिए उद्दत होती है, पर कालेज प्रिंसिपल रवीन्द्रनाथ कुछ और ही सोच रहे हैं। रंगमंच के ल……続きを見る
गुरु नानक की वाणी' पुस्तक में गुरु नानक के महत्वपूर्ण उपदेशों का संकलन है। उनके उपदेश सार्वजनीन स्वरूप के हैं और सभी को उनसे मार्गदर्शन प्राप्त होता है। ईश्वरभक्ति तथा मानवप्रेम ये उनके जीवन के दो म……続きを見る
श्रीरामचन्द्र की वाणी' पुस्तक में भगवान् श्रीरामचन्द्र के महत्वपूर्ण उपदेशों का संकलन है। भगवान् रामचन्द्र की संज्ञा 'मर्यादापुरुषोत्तम' है। मानव-जीवन के नैतिक तथा आध्यात्मिक विकास की दृष्टि से उनका……続きを見る
संसार हमारे देश का अत्यंत ऋणी है। यदि भिन्न-भिन्न देशों की तुलना की जाय तो मालूम होगा कि सारा संसार सहिष्णु एवं निरीह भारत का जितना ऋणी है उतना किसी और देश का नहीं।.... पुराने समय में और आजकल भी बहु……続きを見る
प्रस्तुत पुस्तक में श्रीमद्भगवद्गीता तथा श्रीमद्भागवत ग्रन्थों में भगवान् श्रीकृष्ण के जो अमूल्य उपदेश हैं उनका संकलन है। इन चुने हुए उपदेशों का प्रभाव मानवजीवन पर चिरकाल पड़ेगा तथा उसे उन्नत बनाएगा।……続きを見る
युवाओं के मन की शक्तियों को जगाने के लिए, अन्तर्निहित आत्मविश्वास और साहस का अवलम्बन कर वे अपने जीवन की समस्याओं का सामना कर सकें, अपने हृदय को प्रेम और सहानुभूति से परिपूर्ण कर सकें, युवाओं को श्रे……続きを見る
स्वामी विवेकानन्द ने भारत के पुनरुत्थान तथा विश्व के उद्धार के लिए जो महान् कार्य किया, वह सभी को विदित है। वे चैतन्य एवं ओजशक्ति की सजीव मूर्ति थे। उनका दिव्य व्यक्तित्व उनकी वाणी मे प्रकट होता है।……続きを見る
भगवान् श्रीरामकृष्णदेव के उपदेश सार्वजनीन स्वरूप के है। मानव-जीवन का अन्तिम लक्ष्य कौनसा है, जीवन सफल तथा कृतार्थ बनाने के लिए किन बातों की आवश्यकता है, इसके सम्बन्ध में उनकी वाणी सभी के लिए उपयुक्त……続きを見る
वैदिक धर्म तथा संस्कृति के लिए श्रीशंकराचार्य ने बहुत बड़ा कार्य किया है। उपनिषद् ब्रह्मसूत्र तथा गीता पर भाष्य लिखकर उन्होंने हमें धर्म का यथार्थ स्वरूप समझाया है। ज्ञान के साथ भक्ति का आविष्कार भी ……続きを見る
भगवान् बुद्ध के उपदेश मानवजाति के लिए एक प्रकाशस्तम्भ के समान है । उनके उपदेशों से मानवमात्र को नया आलोक प्राप्त होता है । चार आर्यसत्य, पंचशील, अष्टांग मार्ग, ध्यान, करुणा, सेवा इत्यादि के सम्बन्ध ……続きを見る
स्वामी विवेकानन्दजी के कुछ महत्वपूर्ण व्याख्यान तथा उनके कुछ प्रवचनों का सारांश ''आत्मतत्त्व'' के रूप में पाठकों के सम्मुख है। 'आत्मा', ' आत्मा:उसके बन्धन तथा मुक्ति', 'आत्मा, प्रकृति तथा ईश्वर', ' ……続きを見る
मन की शक्तियाँ सचमुच बड़ी ही आश्चर्यजनक हैं। स्वामी विवेकानन्दजी ने इस पुस्तक में इन शक्तियों की बड़ी अधिकारपूर्ण रीति से विवेचना की है तथा उन्हें प्राप्त करने के साधन भी बताए हैं।続きを見る
वे आत्मास्वरूप थे! वे जानते थे कि वे शुद्ध आत्मास्वरूप हैं - देह में अवस्थित हो मानवजाति के कल्याण के लिए देह का परिचालन मात्र कर रहे हैं। देह के साथ उनका केवल इतना ही सम्पर्क था। वे वास्तव में विदे……続きを見る
कौन कहता है कि कहानी का अंत हो चुका है? भारत में तो अभी-अभी इसका पुनर्जन्म हुआ है और साहित्यिक पंडितों के अनुसार इसकी जन्मपत्री में लिखा है कि इसकी उम्र बहुत लंबी और समृद्ध होगी। अन्य अनेक विकासशील ……続きを見る
जोशी जी ने कहानियों का सृजन करते हुए यह अनुभव किया कि उनमें जीवन के वैविध्य और विस्तार के लिए बहुत कम जगह होती है। यह जगह तो रचना-कर्म में उपन्यास के ही पास होती है। इसीलिए वे कहानी-कला से धीरे-धीरे……続きを見る
इस किताब को पढ़ने के बाद शायद आप इस सवाल का जवाब दे सकेंगे...शायद आप मुझसे यह सवाल भी करें कि मैंने इन कहानियों का चयन क्यों किया ? लेकिन मैं यह सवाल आपसे करूँगी। मैंने विभिन्न दौर में लिखी हुई कहान……続きを見る
घुमक्कड़ क्यों दुनिया की सर्वश्रेष्ठ विभूति है? इसीलिए कि उसीने आज की दुनिया को बनाया है। यदि आदिम-पुरूष एक जगह नदी या तालाब के किनारे गर्म मुल्क में पड़े रहते, तो वह दुनिया को आगे नहीं ले जा सकते थ……続きを見る
देवकी नन्दन खत्री का एक अनूठा उपन्यास... ठीक दोपहर का वक्त और गर्मी का दिन है। सूर्य अपनी पूरी किरणों का मजा दिखा रहे हैं। सुनसान मैदान में दो आदमी खूबसूरत और तेज घोड़ों पर सवार साये की तलाश और ठंडी……続きを見る
गीता प्रेस से प्रकाशित 'कल्याण' के 'बालक-अंक' में प्रकाशित 19 वीर बालकों के चरित्र इस पुस्तक में प्रस्तुत कर रहे हैं। ये चरित्र अपूर्व आत्मत्याग तथा बलिदान के सजीव चित्र हैं। आशा है इन्हें पढ़कर बच्……続きを見る